What Does Shiv chaisa Mean?
देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
There is no one particular as generous as you, Your devotees constantly praise and serve you. The Vedas sing your divine glory, The unfathomable and timeless secrets are over and above comprehension.
अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥
नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूँ लोक फैली उजियारी॥
धन निर्धन को देत सदा हीं। जो कोई जांचे सो फल पाहीं॥
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अर्थ: हे शिव शंकर भोलेनाथ आपने ही त्रिपुरासुर (तरकासुर के तीन पुत्रों ने ब्रह्मा की भक्ति कर उनसे तीन अभेद्य पुर मांगे जिस कारण उन्हें त्रिपुरासुर कहा गया। शर्त के अनुसार भगवान शिव ने अभिजित नक्षत्र में असंभव रथ पर सवार होकर असंभव बाण चलाकर उनका संहार किया था) के साथ युद्ध कर उनका संहार किया व सब पर अपनी कृपा की। हे भगवन भागीरथ shiv chalisa in hindi के तप से प्रसन्न हो कर उनके पूर्वजों की आत्मा को शांति दिलाने की उनकी प्रतिज्ञा को आपने पूरा किया।
नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूँ लोक फैली उजियारी॥
जय सन्तोषी मात अनूपम। शान्ति दायिनी रूप मनोरम॥ सुन्दर वरण चतुर्भुज more info रूपा। more info वेश मनोहर ललित अनुपा॥
पाठ करे सो पावन हारी ॥ पुत्र हीन कर इच्छा जोई ।
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
मात-पिता भ्राता सब होई। संकट में पूछत नहिं कोई॥
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव…॥